भगवान विष्णु का द्वार है हरिद्वार

हरिद्वार उत्तराखण्ड राज्य का एक पवित्र धार्मिक नगर है जो गंगा के किनारे बसा हुआ है | हरि अर्थात भगवान विष्णु अत: हरिद्वार का अर्थ ईश्वर से मिलने का स्थान | इसे वेदों में मायानगरी के नाम से पुकारा जाता था | गंगा इसी जगह समतल मैदानों में प्रवेश करती है अत: इसे गंगाद्वार के नाम से भी जाना जाता है | यहा सम्पूर्ण देश से हिन्दू अपने परिजनों की अस्थियो को बहाने आते है और यह मोक्षदायिनी स्थली कहलाती है |
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यहा भी अमृत की बुँदे गिरी थी इसी कारण तीर्थराज प्रयाग , नासिक , उज्जैन और यहाँ कुम्भ का महा मेला भरता है | हर स्थान पर प्रति ३ वर्षो से इस कुम्भ का आयोजन किया जाता है |
हरिद्वार में जिस जगह अमृत की बुँदे गिरी थी वो स्थान हर-की-पौडी है इसका अर्थ है ईश्वर के पग | यह इस जगह का सबसे पवित्र घाट है जिसपे स्नान करना मोक्ष पाने में सहायक है |
हरिद्वार की गंगा आरती :
यहा की सबसे मुख्य आकर्षण है घाट पर नित्य होने वाली संध्याकाल में गंगा आरती | यहा गंगा मैया का एक भव्य मंदिर बना हुआ है | साधू सन्यासी पंडित आदि शाम को घाट पर एकत्रित होकर माँ गंगा की कतारवर्ध महा आरती करते है | यह आरती देखना भक्तो के लिए अति रमणीय और गौरवशाली है |
कुछ महत्वपूर्ण बातें –
कब आते है ज्यादातर भक्त :
सावन , कुम्भ और गर्मियों की छुट्टियों में यहा भक्तो का आवागमन ज्यादा होता है |
नजदीकी हवाई अड्डा :
सबसे नज़दीक हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून है।
रहने की व्यवस्था :
हरिद्वार में रहने के उचित प्रबंध है। यहा खिफायती और आरामदायक धर्मसालाये और होटल और लाज आसानी से मिल जाते है |
महिलाओ के लिए अलग घाट :
हर की पैडी पर महिलाओ और पुरषों के लिए अलग अलग घाटो की व्यव्यस्था की गयी है |
उड़नखटोला यात्रा :
मनसा देवी और चंडी देवी का मंदिर उच्चे पहाड़ो पर होने से यात्रियों के लिए सुविधाजनक उड़न खटोला की सेवा दी गयी है जिसकी आप एक साथ दोनों मंदिरों की आने जाने की टिकट कटवा सकते है |
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