सुन्दरकाण्ड के नामकरण के पीछे का सच क्या है
क्यों रखा तुलसी ने सीता का पता लगाने के हनुमान के मिशन का नाम सुन्दरकाण्ड?
Ramcharitmanas Me Sundarkand Ke Nam Ke Piche Sacch : हिन्दू धर्म में धर्म का आइना दिखाने वाले कुछ शास्त्र बहुत प्रसिद्ध है जो लोगो के दिलो में प्रभु मूरत दिखा पाने की क्षमता रखते है | ऐसा ही एक शास्त्र कलियुग में गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित “रामचरितमानस ” है | इसमे एक काण्ड का नाम सुन्दरकाण्ड है जो सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है | आइये जाने सुन्दरकाण्ड नामकरण के पीछे की कहानी के बारे में …..
श्री रामचरित मानस में हैं 7 काण्ड
पहला कांड था बालकाण्ड जब राम का जन्म हुआ था, और वो पले बढे, ऐसे ही जब राम के बड़े होने के साथ साथ अयोध्या में घटनाक्रम हुए उस भाग का नाम अयोध्या कांड ऐसे ही अरण्य, किष्किन्दा ,लंका और उत्तर कांड हुए जो की जगहों के नाम के हिसाब से रखे गए थे.
सिर्फ सुन्दरकाण्ड का नाम ही अजीब है जो की इस दौरान हुए चमत्कारों से सराबोर होने के कारन पड़ा पर ऐसा भी नही है, आज हम आपको वो रहस्य बताते है जिनके कारण इस कांड का नाम सुन्दरकाण्ड पड़ा था.
सुन्दरकाण्ड के पीछे का रहस्य
रावण की लंका नगरी त्रिकुटाचल पर्वत पर स्थित थी, जिसमे त्रि तीन पर्वतो के लिए आया है | पहले का नाम था सुबेल पर्वत जिसमे रामायण का युद्ध हुआ दूसरा था नील पर्वत जंहा पर लंका बनी हुई थी और तीसरा और अंतिम था सुन्दर पर्वत जंहा पर अशोक वाटिका बनी थी और रावण ने हर के सीता को रखा था, इस कारण ही तुलसीदास जी ने इस अध्याय का नाम सुन्दरकाण्ड रखा था.
कठिन समय में इस अध्याय का पाठ करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है | दुःख दूर होते है और सुनने और कहने वाले में नयी उर्जा का संचार होता है |
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