जानें क्यों दुनिया के इस सबसे ऊंचे शिवलिंग पर विराजमान हैं करोड़ो शिवलिंग
कोटिलिंगेश्वर धाम जहा है करोड़ो शिवलिंग
इस जगह के सबसे महान देवता में भगवान शिव को देखा जाता है | पुराणों में शिव के जन्म की कथा का मुख्य सार यही है की वे अजर अमर और अजन्मे है | इनकी पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है | शिवलिंग की उत्पति के पीछे पुराणों में अलग अलग तर्क दिए गये है | आज हम जिस भगवान भोलेनाथ के शिव धाम की बात करने वाले है , वो संभवत दुनिया में एकमात्र है | यह है कर्नाटक के कोलार जिले में गांव काम्मासांदरा में दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंगों में से एक कोटिलिंगेश्वर धाम |
कोटिलिंगेश्वर धाम की मुख्य विशेषता
यहा स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 108 फीट की है , साथ ही यहा आस पास में निचे की तरफ करोड़ो शिवलिंग विराजमान है | 108 फीट के शिवलिंग के सामने भगवान शिव का वाहन नंदी 35 फीट ऊंचाई का है जो 4 फीट ऊँचे और 40 फीट चौड़ाई के चबूतरे पर विराजमान है | सभी चबूतरो पर शानदार रंगीन कारीगरी की गयी है | यहा एक साथ इतने सारे शिवलिंगों को देखना शिव धाम के दर्शन कराता है |
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स्थापना के पीछे कथा
धार्मिक मान्यता के अनुसार स्वर्ग के राजा इंद्र देवता को एक बार ऋषि गौतम ने उनके किसी पाप के लिए श्राप दे दिया था | इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए इंद्र ने कोटिलिंगेश्वर मंदिर में शिवलिंग को स्थापित किया और पूर्ण लगन और भक्ति से शिव जी पूजा अर्चना की | उन्होंने कई लाख नदियों के पानी से जल अभिषेक किया और अंत में श्राप से मुक्ति पाई |
इस महिमा के कारण यहा हर दिन हजारो भक्तो का आना जाना लगा रहता है | भक्त अपनी किसी विनती के पूर्ण होने पर यहा एक शिवलिंग स्थापित कर जाते है | इस तरह यहा भक्तो द्वारा शिवलिंग स्थापित करने के कारण करोड़ो शिवलिंग एकत्रित हो गये है | पावन, सुंदर और शांत प्रकृति के हरियाले आंचल में बसा है महादेव का एक ऐसा मंदिर जो खुद बयां करता है |
अन्य देवी देवताओ की प्रतिमा
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