जयपुर के मुख्य दर्शनीय और धार्मिक स्थल जो है आस्था के केंद्र
जयपुर के प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक स्थान
Jaipur Ke Prasidh Aur Mukhy Mandir
राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी के प्रसिद्ध और मुख्य मंदिरों की जानकारी आप यहा से प्राप्त कर सकते है | जयपुर शांत प्रिय और आस्था के सरोवर में डूबा हुआ शहर है | यहा आने वाले हिन्दू पर्यटक इन मंदिरों में दर्शन करने जरुर आते है | आइये जानते है उन सभी जयपुर के मुख्य मंदिरों के बारे में …………….
गोविन्ददेव जी मंदिर :
सिटी पैलेस प्रांगण में श्री कृष्ण और राधे को समर्प्रित यह मंदिर गोविन्द देव के मंदिर के नाम से जाना जाता है | गोविन्द देव जी को जयपुर का आराध्य देवता माना गया है | भक्तो की अपार भीड़ आरती में शामिल होती है और सामूहिक आरती की जाती है | त्योहारों के समय कई धार्मिक कार्यक्रम यहा चलाये जाते है | मान्यता है की श्री कृष्ण की मूर्ति का निर्माण उनके ही वंशज ने करवाया था |
बिरला मंदिर :
बिरला परिवार द्वारा देश भर में बनाये गये मंदिरों में से एक है जयपुर का बिरला मंदिर | यह 1988 में बिरला ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज द्वारा बनवाया गया था | सफ़ेद मार्बल में बना यह मंदिर जयपुर आने वालो को बहुत पसंद आता है | यह जयपुर के मुख्य शहर में मोटी डूंगरी गणेश मंदिर के पास ही स्तिथ है | मंदिर का निर्माण दक्षिण शैली में किया गया है | मंदिर में मुख्य प्रतिमा लक्ष्मी नारायण भगवान की है |
मोती डूंगरी मंदिर :
यह जयपुर का सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिर है | किसी भी मांगलिक कार्य में सबसे पहले इन्हे याद किया जाता है | मंदिर का निर्माण एक छोटी पहाड़ी पर किया गया है | हजारो भक्ति यहा दर्शन करने आते है | हर बुधवार को भक्तो की अपार भीड़ के कारण यहा मेला लगा हुआ सा प्रतीत होता है |
घाट के बालाजी
जयपुर में गलता पीठ जाने वाले रास्ते में स्थित घाट के बालाजी का मन्दिर कम से कम 500 साल पुराना है। यह मंदिर जयपुर और आस पास की जगह में बहुत प्रसिद्ध है | यहा सवामणी , इस मन्दिर को लेकर मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मुराद को बालाजी पूरा करते है। मन्नत पूरी होने पर कई लोग यहां सवामणी , जांत—जडूले भक्तो द्वारा कराये जाते है | बजरंगबली की प्रतिमा के बारे में कहा जाता है कि वह स्वयं प्रकट हुई थी और बाद में आमेर के राजा ने यहां मन्दिर का निर्माण कराया था।
खोले के हनुमान जी:
जयपुर में हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है | यहा प्रकृति की अनुपम सुन्दरता के दर्शन के साथ बालाजी प्रतिमा के भी दर्शन होते है | यहा 1960 में पंडित राधेलाल चौबे नाम के साहसी ब्राह्मण ने जयपुर के पास बसे जंगल में लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा की खोज की थी | तब से यह सिद्धपीठ बालाजी धाम बन चूका है | यहा पानी का एक प्राकृतिक नाला (खोला ) था अत: इसे खोले के हनुमान जी के नाम से जाना जाने लगा |
यह मंदिर रामगढ़ मोड़ के पास NH-8 से 2 किमी अन्दर है |
गलता कुंड :
गलताजी जयपुर का प्राचीन तीर्थस्थल अरावली पहाडियों से घिरा हुआ है | यह ऋषि गालव की तपोस्थली है जहा उन्होंने सौ सालो तक तपस्या कर इसे देवताओ के आशीर्वाद से तीर्थ स्थान बनवा दिया | यह जयपुर से सिर्फ १० किमी की दुरी पर है और सावन में हजारो कावडिए स्नान कर पवित्र जल कांवड़ में भर कर शिवलिंगों का अभिषेक करते है | यहा बंदरो की तादाद अत्यधिक है | भगवान सूर्य और अन्य देवी देवताओ के कई मंदिर यहा बने हुए है | पूर्णिमा , मकर संक्रांति , जैसे पवित्र दिनों पर यहा स्नान का महत्व अत्यधिक है |
अन्य मंदिर
इन मंदिरों के अलावा भी चांदपोल हनुमान मंदिर , गढ़ गणेश , आमेर की शीला माता का मंदिर ,झारखण्ड महादेव , पापड़ के हनुमान , काले हनुमान मंदिर आदि आस्था के केंद्र है |
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