शनि महाराज की कथा – कैसे बने शनि नवग्रहों के राजा
Story Of Shanidev – How He Become King of Navgrah
महर्षि कश्यप ने शनि स्त्रोत की रचना की थी जिसमे भगवान शनिदेव को सभी ग्रहों का राजा बताया था | हालाकि कई जगह नवग्रहों में भगवान सूर्य को राजा बताया गया है |
आज हम एक पौराणिक कथा के माध्यम से जानेंगे की कैसे भगवान शनि को राजा का पद प्राप्त हुआ |
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शनि के नवग्रहों में राजा बनने की कहानी
हमने पुराने आलेख में बताया था की किस तरह भगवान शनि का अपने पिता सूर्य से शत्रुता हुई | श्याम रंग वाले शनि के जन्म के बाद उनके पिता ने उन्हें अपनी संतान नही माना | भगवान शनि इस बात से अत्यंत दुखी हुए | उन्होंने अपना और अपनी माँ का अपमान का बदला लेने के लिए भगवान शिव की घोर तपस्या की |
उनकी कठोर तपस्या और समर्पण से भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए | भगवान शिव ने शनिदेव से पूछा की उन्हें वरदान में क्या चाहिए |
भगवान शनि ने अपनी पिता सूर्य से भी शक्तिशाली होने का वरदान माँगा |
शनिदेव बने न्यायधिकारी और नवग्रहों के राजा
भगवान शिव शनि देव को सभी नवग्रहों का राजा घोषित कर दिया और साथ ही साथ उन्हें सम्पूर्ण पृथ्वी का न्यायधिकारी का पड़ दे दिया |
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