सभी नवग्रहों की शांति के लिए मंत्र और जाप विधि
जिन्हें ज्योतिष शास्त्र और कुंडली में विश्वास है वो अच्छे से जानते है की नवग्रह किस तरह किसी के जीवन शांति भी ला सकते है तो अशांति भी | नवग्रह की महिमा इतनी है की उनके भी देवी देवताओ की तरह पूजा जाता है | हमारी कुंडली में कभी कभी ग्रह दोष से बहुत परेशानियां उत्पन्न हो जाती है | इसी कारण हमें इनकी शांति के लिए मंत्र जाप और दान दक्षिणा करनी चाहिए |

इन मंत्रो के जाप से उक्त ग्रह के दोष और बाधाये दूर होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है |
सभी ग्रहों के लिए अलग अलग बीज मंत्र और जाप विधि
सूर्य बीज मंत्र :
बीज मंत्र : ॐ ह्रीं हौं सूर्याय नम:।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ घृणि: सूर्याय नम:।।
चन्द्र बीज मंत्र :
बीज मंत्र : ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।। ।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ सों सोमाय नम:।। ।।
मंगल ग्रह बीज मंत्र
बीज मंत्र : ॐ हूं श्रीं भौमाय नम:।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ अं अंङ्गारकाय नम:।।
बुध मंत्र:
बीज मंत्र : ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नम:।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ बुं बुधाय नम:।।
गुरु मंत्र :
बीज मंत्र : ॐ ह्रीं क्लीं हूं बृहस्पतये नम:।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ बृं बृहस्पतये नम:।।
शुक्र मंत्र :
बीज मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ शुं शुक्राय नम:।।
शनि मंत्र:
बीज मंत्र : ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नम:।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ शं शनैश्चराय नम:।।
राहू मंत्र:
बीज मंत्र : ॐ ऐं ह्रीं राहवे नम:।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ रां राहवे नम:।।
केतु मंत्र:
बीज मंत्र : ॐ ह्रीं ऐं केतवे नम:।।
तांत्रिक मंत्र : ॐ कें केतवे नम:।।
जाने किसी विशेष ग्रह की जप संख्या और जप विधि किसी विद्वान पंडित से |जिस ग्रह को प्रसन्न करना है उसकी विशेष पूजा अर्चना करके 108 मनके उनके मंत्र का फेरे |
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