पितरों का तर्पण विधि
कैसे करे पितरो का तर्पण
पितरो का तर्पण श्राद्ध पक्ष के दिनों में किया जाता है | इनसे यदि किसी तरह का पितृ दोष हो तो वो दूर होता है | हमें पूर्वज आत्मो का आशीष प्राप्त होता है | घर में शांति रहती है और कलेश दूर होता है | तर्पण का अर्थ यही है की हमने उन्हें भुलाया नही है और आज भी वे हमारे लिए सम्मानीय और पूजनीय है | श्राद्धऔर तर्पण उनकी आत्माओ की मुक्ति के लिए अति आवश्यक है |
पढ़े : श्राद्ध पक्ष पूजा विधि
पढ़े : पितृ दोष दूर कर शांति के उपाय
पितृ लोक से आते है हमारे पितृ
शास्त्रों में बताया गया है की जब श्राद्ध पक्ष आता है तो पितृ लोक से पृथ्वी पर पितृ हमें देखने आते है | यदि हमने उन्हें उन दिनों में भुला दिया तो वे रुष्ट हो जाते है और हमें कष्टों का सामना करना पड़ता है | इसे ही पितृ दोष कहते है | परन्तु यदि हम उनका श्राद्ध या तर्पण विधि पूर्वक करते है वे अत्यंत प्रसन्न होकर सुख समृधि देते है |
पितृ अमावस्या को करे तर्पण
वैसे तो हर माह आने वाली अमावस्या को पितृ पूजा और भोग अर्पित करना चाहिए | फिर भी अश्विन मास में आने वाली सर्व पितृ अमावस्या पर आप श्राद्ध तर्पण, दान आदि करके अपने पितरो को प्रसन्न कर सकते है |
पितरो का तर्पण विधि
जिस दिन तर्पण करना हो उस दिन सूर्योदय से पूर्व नहा ले | ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हुए सूर्य को जल चढ़ाये | फिर घर के मुख्य द्वार को धोये अपने पितृ को याद करके उन्हें आने का न्यौता दे |
महिलाये भोजन बनाये और खीर जलेबी उसमे परोसे | किसी ब्राह्मण को भोज के लिए बुलावा दे | भोजन के पांच भाग चिट्टी , गाय , कुत्ते , कोए और देवताओ के लिए निकालकर फिर ब्राह्मण को भोजन कराये पूर्ण सम्मान से | भोजन के बाद उन्हें दक्षिणा वस्त्र और कुश आसन दे | उनके चरण स्पर्श करके सुख शांति का आशीष ले |
Other Similar Posts
श्राद्ध पक्ष के नियम और ध्यान रखने योग्य बाते
पितृ दोष निवारण यन्त्र और मंत्र और पूजा विधि
अमावस्या के यह उपाय चमका देंगे आपके भाग्य को