खंडित मूर्ति की पूजा क्यों नही करे

क्यों नही की जाती खंडित मूर्ति की पूजा :
हिन्दू धर्म में देवी देवताओ की साकार रूप में मानकर पूजा की जाती है | इस विधि में पत्थर , सोने , चाँदी ,अष्ट धातु व अन्य धातुओ की मूर्ति बनाकर या फोटो और तस्वीरों के माध्यम से पूजा की जाती है | जब कोई मूर्ति खंडित हो जाती है तो वो शोभनीय नही दिखती | यदि ऐसी खंडित मूर्ति की साधक पूजा करता है तो उसका मन उस मूर्ति के खंडित भाग में ज्यादा लगा रहता है और वह अच्छे से पूजा नही कर पाता और इस कारण उसकी पूजा दोष पूर्ण हो जाती है | इसी कारण पूजा हमेशा अखंडित मूर्ति की ही करनी चाहिए |
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क्या करे खंडित मूर्ति का :
यदि कोई मूर्ति खंडित हो जाती है तो उसे रविवार के अलावा अन्य वार पर सुबह के समय पीपल के पेड़ के निचे रख देनी चाहिए | खंडित मूरत को आप पवित्र जल में विसर्जित भी कर सकते है |
सिर्फ शिवजी के खंडित मूर्ति की पूजा की जा सकती है :
देवी देवताओ में सिर्फ देवो के देव महादेव ही एक ऐसे भगवान है जिनके खंडित मूर्ति की भी पूजा की जा सकती है | शिव की निराकार माना जाता है उनका रूप रंग वेश भक्तो द्वारा प्रदान किया गया है | शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में होती है जो निराकार रूप का शक्ति केंद्र है | अत: निराकार के रूप का खंडित होना नही माना जाता है |
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